Organizational Structure (Diet Ki Sanrachna Likhiye)

DIET Admin
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Diet Ki Sanrachna Likhiye
क्र0सं0विभागप्रभारीप्रवक्तासहायक
1.सेवापूर्व विभागममता यादवरुशदा सिददकीबेबी आरफाअम्बालिका मिश्रानवनीत द्विवेदीनीलम चतुर्वेदीसुमन लतादिनेश सिंहरमेश वर्मा
2.सेवारत प्रशिक्षण विभागरत्ना यादवप्रज्ञा कुशवाहाबेबी आरफामनीषा प्रकाशसचिन श्रीवास्तव
3.नियोजन एवं प्रबन्धन विभागतरन्नुम असदीसम्पदा मिश्राज्योत्सना चौधरीअमिता जायसवालचेतन त्रिपाठीरश्मि चौरसियाराजकुमार
4.पाठयक्रम निर्माण एवं मूल्यांकन विभागरत्ना यादवअमित सिंहअम्बालिका मिश्रानीलम चतुर्वेदीमनीषा प्रकाशरश्मि चौरसियासचिन श्रीवास्तव
5.शैक्षिक तकनीकी विभागममता यादवद्विजिता सिंहराम बाबू शुक्लानीलम चतुर्वेदीप्रीति पाल
6.जिला संसाधन इकार्इ विभागश्री पी ० एन ० श्रीवास्तवप्रतिभा सरोजरेखा रामजितेंद्र सिंहअनुज
7.कार्यानुभव विभागतरन्नुम असदीविवेक त्रिपाठीमनीषा प्रकाशविनय पाण्डेय
Diet Ki Sanrachna Likhiye

जनपद को अकादमिक नेतृत्व प्रदान करने में जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान की भूमिका

जनपद जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान शहर के मध्य में स्थित है | जिसकी शिक्षण निर्माण में अहम् भूमिका है | संस्थान का मुख्य कार्य शिक्षा में नवाचार के साथ-साथ नव शिक्षको को प्रशिक्षित करना एवं सेवारत शिक्षको को समय पर शिक्षा के नवीन उद्देश्यों से परिचित कराना तथा प्रशिक्षण के माध्यम से अभिप्रेरित करना है |

यहाँ पर सेवापूर्ण, सेवारत शिक्षको का प्रशिक्षण, शिक्षा मित्रो, आचार्य जी के सम्पूर्ण प्रशिक्षण की व्यवस्था है | उक्त कार्य को भली – भांति संचालित करने हेतु निम्न प्रशासनिक शैक्षणिक एवं शिक्षेंत्तर स्टाफ की व्यवस्था है –

  • प्राचार्य ( वरिष्ठ प्रथम श्रेणी अधिकारी )
  • उप प्राचार्य ( प्रथम श्रेणी अधिकारी )
  • 6 व० प्र० ( क्लास द्वितीय अधिकारी )
  • 17 प्रवक्ता
  • 3 सहायक अध्यापक ( तकनीकी, सांख्यिकीकार एवं कर्यानुभाव अध्यापक )
  • कार्यालय अधीक्षक
  • 9 कनिष्ठ लिपिक
  • 1 लेखाकार
  • 5 चपरासी

इसके अतिरिक्त संस्थान में कार्यरत प्रवक्ताओ को में हर के रूप में ब्लाक प्रभारी बनाया गया है जो आवंटित विकास खंडो के प्रा०/उ०प्रा०वी० का भ्रमण कर अनुश्रवण एवं मुल्यांकन करते है तथा अध्यापको को शैक्षिक गुणवत्ता वृद्धि हेतु आवश्यक सुझाव देते है |

डायट को सुचारू रूप से कार्य करने हेतु विभागों ( इकाइयों ) में विभाजित किया गया है जो निम्न प्रकार है –

  • सेवापूर्व विभाग – ( शिक्षण प्रशिक्षण विभाग )
  • सेवारत विभाग (शिक्षक प्रशिक्षण विभाग )
  • शैक्षिक तकनीक विभाग
  • कार्यानुभव विभाग
  • जिला संसाधन इकाई विभाग ( डी. आर. यू. )
  • पाठ्यक्रम निर्माण विभाग एवं मुल्यांकन
  • नियोजन एवं प्रबंधक विभाग

सेवापूर्व शिक्षक प्रशिक्षण विभाग

इस विभाग के अंतर्गत वरिष्ट प्रवक्ता की अध्यक्षता में ८ प्रवाक्तायें कार्य को देखती है | सेवापूर्व शिक्षक प्रशिक्षण विभाग में बी० टी ० सी० दो वर्षीय प्रशिक्षण उर्दू बी० टी० सी० प्रशिक्षण ( ६ माह ) कराया जाता है |

सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण विभाग

उक्त विभाग में वरिष्ठ प्रवक्ता की अध्यक्षता में एक प्रवक्ता उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम को अपनी देख – रेख में संपन्न कराती है | सत्र के प्रारम्भ में माह अप्रैल में ही प्रस्तावित प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाया जाता है | निदेशक महोदय की सहमति पर प्रस्तावित प्रशिक्षणों को कार्याविंत किया जाता है | सत्र २००८ -२००९ के सम्पन्न कराये गए प्रशिक्षणों एवं वर्ष २००९ -१० हेतु प्रस्तावित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विवरण निम्न है –

शैक्षिक तकनीकी विभाग

इस विभाग के अंतर्गत एक प्रवक्ता व तकनीकी सहायक कार्यरत है | तकनीकी विभाग समस्त तकनीकी उपकरणों की देख – रेख करता है तथा कंप्यूटर, ओ. एच. पी. , एल. सी.डी. आदि के प्रयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी बनाने का भी प्रयास किया जाता है |

कार्यानुभव विभाग

कार्यानुभव में एक प्रवक्ता व कार्यानुभव शिक्षक संस्थान के अन्य सदस्यों को सहायता से कार्यो का निष्पादन इस विभाग के अंतर्गत संस्थान का सौन्दर्यीकरण एवं अनुपयोगी सामग्रियों से उपयोगी सामग्री, टी. एल. एम. का निर्माण कराया जाता है |

डी. आर. यू. विभाग

उप प्राचार्य डायट के नेतृत्व में ४ प्रवक्ताओ द्वारा इस संस्थान की गतिविधियाँ संचालित की जाती है | आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो व सहायिकाओं का प्रशिक्षण इसी विभाग द्वारा संपादित कराया जाता है |

पाठ्यक्रम निर्माण एवं मुल्यांकन विभाग

एक वरिष्ठ प्रवक्ता व एक प्रवक्ता के नेतृत्व में विभिन्न प्रशिक्षणों हेतु पाठ्यसामग्री का विकास, सत्र परीक्षा के आधार पर विद्यालयों का श्रेणीकरण व मुल्यांकन हेतु विविध उद्देश्यों व कठिनाईयों पर आधारित प्रश्नपत्रो का निर्माण आदि कार्यो का संचालन इसी विभाग द्वारा किया जाता है |

नियोजन एवं प्रबंधन विभाग

इस विभाग में एक वरिष्ट प्रवक्ता, एक प्रवक्ता व एक सांख्यिकीकार द्वारा जनपद स्तरीय आंकडो का संकलन करके संस्थान व जनपद की वार्षिक कार्ययोजना व बजट का निर्माण का कार्य किया जाता है | प्रकाशन का कार्य भी इसी विभाग का है जिसकी अंतर्गत संस्थान की वार्षिक पत्रिका प्रवाहिनी समाचार पत्र ‘नवोर्मी ‘ तथा क्रियात्मक शोध का प्रकाशन किया जाता है |

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